ना मिला कोई दुश्मन जब यहाँ सिवा अपने ना मिला कोई दुश्मन जब यहाँ सिवा अपने
रिश्ते तोड़ने से पहले 100 बार सोचे। रिश्ते तोड़ने से पहले 100 बार सोचे।
फ्यूज़न फ्यूज़न
सभ्य समाज का बीज परस्पर हृदय में बोयें सभ्य समाज का बीज परस्पर हृदय में बोयें
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे! मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे!